होम-स्टे योजना से ग्रामवासियों को स्वरोजगार तथा आर्थिक लाभ प्राप्त होगा -जयवीर सिंह
लखनऊ: 26 जुलाई, 2024
प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि स्थानीय स्तर पर ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने, युवाओं के ज्ञान और कौशल में संवर्धन करने के उद्देश्य से होम-स्टे में आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत युवाओं को आय के बेहतर साधन उपलब्ध हो सके तथा युवा घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सके। जयवीर सिंह ने बताया कि होम-स्टे योजना से ग्रामीणवासियों को रोजगार के साथ आमदनी भी प्राप्त होगी और पर्यटन गांव तक पहुंच जायेगा।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि होम-स्टे योजना के तहत 229 गांवों को पर्यटन गांवों के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां ठहरने की व्यवस्था स्थानीय समुदाय द्वारा होम-स्टे के रूप में प्रदान की जाएगी। जो स्थानीय भ्रमण, स्थानीय व्यंजन, लोक गीत-नृत्य, स्थानीय सांस्कृतिक एवं परंपराओं का अनुभव प्रदान करेंगे। गौरतलब हो कि विभाग की इस महत्वाकांक्षी परियोजना ‘कृषि-ग्रामीण और गंगेय-ग्राम ग्रामीण पर्यटन’ के माध्यम से चयनित गांवों के लोगों के लिए अलग-अलग चरणों में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिससे की स्थानीय स्तर पर ही उद्यमिता विकास किया जा सके।
जयवीर सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 26 जुलाई को होम-स्टे प्रबंधन 05 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे बैच का समापन सम्पन्न हुआ। जुलाई 22 से 26 तक आयोजित इस पांच दिवसीय आवासीय आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम में अयोध्या, कानपुर, मैनपुरी, आगरा, अलीगढ़, फिरोजाबाद, हाथरस, मथुरा और कासगंज से कुल 38 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को संचार कौशल, बेसिक कंप्यूटर, इंटरनेट, मोबाइल संचार, व्यक्तित्व विकास, सौंदर्य मानक, मार्केंटिंग, एकाउंटेंसी के बुनियादी कौशल, होम-स्टे से जुड़े नियम-कानून, होमस्टे के कार्यात्मक क्षेत्रों का रखरखाव, सुसज्जित करना, आंतरिक सजावट एवं प्रभावी ढंग से संचालन करना, स्थानीय व्यंजनों, हस्तशिल्प, कलाकृति, स्थानीय तीज-त्यौहार मनाने, बेहतर आतिथ्य सेवा, ग्राहक सेवा रणनीति, स्वच्छता और सुरक्षा आदि के बारे में प्रशिक्षित किया गया, जिससे कि लाभार्थी कुशलतापूर्वक अपने होम-स्टे का संचालन कर आगंतुकों को बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि प्रशिक्षण के साथ प्रतिभागियों का मूल्यांकन भी किया गया एवं सभी को अध्ययन सामग्री, ग्रुप फोटो और जूट बैग के साथ टीशर्ट व किट भी प्रदान की गयी। लखनऊ स्थित होटल प्रबंधन, खान-पान प्रौद्योगिक एवं अनुप्रयुक्त पोषाहार संस्थान (आई.एच.एम.) की फैकल्टी आर.के. सिंह, पंकज कुमार, प्रसंग अग्रवाल, अनूप कुमार, अंकित दंभरे, प्रकाश निगम और दीप्ति यादव ने प्रशिक्षण दिया गया। कानपुर भीतर गांव से आए लल्लन ने बताया की इस ट्रेनिंग से उन्हें बहुत कुछ नया सीखने को मिला है, जिसे वो अपने होम-स्टे के संचालन में ध्यान रखेंगे। आगरा बटेश्वर से आये अक्षय बाजपेई ने बताया की पहले हमें होम-स्टे के बारे में इतनी जानकारी नहीं थी, यहां आकर बहुत अच्छा लगा, बहुत कुछ नया सीखने को मिला, ट्रेनिंग के दौरान हमें अच्छी व्यवस्था दी गयी इतना मैंने सोचा भी नहीं था। कासगंज से आए अंकेश कुमार ने बताया की ट्रेनिंग हम सभी के लिए बहुत उपयोगी रही। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान सभी मूलभूत सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया।
इस ट्रेनिंग मोड्यूल में थ्योरी के साथ प्रशिक्षणार्थियों को हैंड्स ऑन एक्सपीरियंस भी दिया गया। इसी क्रम में प्रतिभागियों को मोहनलालगंज स्थित नेचर्स अबोड-कर्नल फार्म एक्सपोज़र विजिट भी कराया गया। सेवानिवृत्त कर्नल अग्नि कुमार सिंह ने नेचर्स अबोड के बारे में विस्तार से बताया। उन्होने कहा कि कृषि और ग्रामीण पर्यटन में बहुत संभावनाएं हैं लोग शहर की दौड़-भाग से थककर गांव की ओर आ रहे हैं और होम-स्टे की डिमांड लगातार बढ़ रही है। अयोध्या से आए धर्मराज और आदित्य सिंह ने बताया की होमस्टे विजिट करके हमें अच्छा अनुभव मिला यहां क्लास में जो पढ़ा उसे जमीन पर देखकर अच्छा अनुभव मिला, जिसे हम अपने होमस्टे के संचालन में ध्यान रखेंगे।