2024 में शरद पूर्णिमा कब है, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, इसका महत्व। क्यों खाई जाती है खीर..?
2024 में शरद पूर्णिमा 17 अक्टूबर, गुरुवार को मनाई जाएगी। इस दिन विशेष पूजा और खीर खाने की परंपरा का धार्मिक महत्व होता है। पंचांग के अनुसार आसमान के नीचे चंद्रमा की रोशनी में 16 अक्टूबर को खीर रखना बताया जा रहा है।
शरद पूर्णिमा 2024 के शुभ मुहूर्त:
– पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 16 अक्टूबर 2024, रात 09:35 बजे
– पूर्णिमा तिथि समाप्त: 17 अक्टूबर 2024, रात 11:24 बजे
– पूजा का सर्वश्रेष्ठ समय: 16 अक्टूबर की रात को चंद्रमा निकलने के बाद से आधी रात तक, दूसरे दिन लगभग 11 बजे तक का समय शुभ माना जाता है।
पूजा विधि:
1. स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल को साफ करें।
2. मां लक्ष्मी, भगवान कृष्ण और चंद्र देव की मूर्तियों या तस्वीरों की स्थापना करें।
3. देवताओं को फूल, धूप, दीप, अक्षत (चावल), और चंदन चढ़ाएं।
4. चंद्र देव को जल चढ़ाने के साथ उनकी पूजा करें।
5. घर के आंगन या छत पर खीर बनाकर उसे खुले आसमान के नीचे चंद्रमा की रोशनी में रख दें।
6. रात भर जागकर देवी लक्ष्मी और भगवान चंद्र की स्तुति करें और अगले दिन वह खीर प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।
महत्व:
- 1. धन और समृद्धि: शरद पूर्णिमा को देवी लक्ष्मी का दिन माना जाता है। इस दिन रात भर जागकर मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन, समृद्धि और सुख-शांति प्राप्त होती है।
- 2. स्वास्थ्य लाभ: मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों में विशेष औषधीय गुण होते हैं जो खीर में समाहित हो जाते हैं। इसे खाने से स्वास्थ्य में लाभ होता है।
- 3. रासलीला: यह दिन भगवान कृष्ण की रासलीला से जुड़ा है, जब उन्होंने गोपियों के साथ दिव्य रास किया था। इसे प्रेम और भक्ति का पर्व माना जाता है।
खीर का महत्व:
शरद पूर्णिमा की रात को खीर खाने का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, चंद्रमा की किरणें अमृत की तरह मानी जाती हैं, और वे खीर पर पड़कर उसे अमृतमय बना देती हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे स्वास्थ्य और रोगमुक्ति होती है, तथा इसे ग्रहण करने से जीवन में शांति और समृद्धि आती है।